एक राजा और एक दार्शनिक | हिंदी बोधकथा

A king and a philosopher
A king and a philosopher

एक बार की बात है, एक राजा था। वह बहुत शक्तिशाली था और वह सोचता था कि वह दुनिया का सबसे बुद्धिमान व्यक्ति है। एक दिन, एक दार्शनिक राजा से मिलने आया। दार्शनिक एक बहुत ही बुद्धिमान व्यक्ति था, और उसने राजा को चुनौती दी कि वह उससे एक सवाल पूछे जिसका वह जवाब नहीं दे सके।

राजा बहुत खुश हुआ। उसने सोचा कि वह दार्शनिक को आसानी से हरा देगा। उसने दार्शनिक से पूछा, “दुनिया में सबसे बुद्धिमान व्यक्ति कौन है?”

दार्शनिक ने कुछ देर सोचा और फिर कहा, “दुनिया में सबसे बुद्धिमान व्यक्ति वह है जो यह जानता है कि वह कुछ भी नहीं जानता है।”

राजा को यह जवाब बहुत ही विचित्र लगा। उसने सोचा कि दार्शनिक उसे मूर्ख बना रहा है। उसने दार्शनिक से कहा, “यह तो कोई जवाब नहीं है। यह तो बस एक बात का उलट ही है।”

दार्शनिक ने कहा, “यह एक जवाब है। यह एक ऐसा जवाब है जो आपको एक महत्वपूर्ण सीख देता है। यह सीख है कि हमें हमेशा सीखने के लिए तैयार रहना चाहिए। हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि हम सब कुछ जानते हैं।”

A king and a philosopher
A king and a philosopher

राजा को दार्शनिक की बात समझ में आई। उसने महसूस किया कि वह दार्शनिक से बहुत कुछ सीख सकता है। उसने दार्शनिक से माफी मांगी और उससे और ज्ञान प्राप्त करने का वादा किया।

सीख: हमें हमेशा सीखने के लिए तैयार रहना चाहिए। हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि हम सब कुछ जानते हैं।

अतिरिक्त सीख: कभी-कभी, सबसे अच्छा जवाब वह होता है जो हमें एक महत्वपूर्ण सीख देता है।

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